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मेरा आसमां चांद

मेरा आसमां चांद

आसमान का टुकड़ा हूं या चांद किसी के दिल का बस इतना जानता हूं। सारे ब्रह्माण्ड में चाहत हु किसी की, फलक पर चमकता है जैसे सूरज। उसकी रोशनी सा उजियारा हूं मैं दर्द है दिल में बहुत, पर एहसास उसका दिल में बसा है। जीता हूं रोज तुझमें और तुझे जानता भी हूं। उस इश्क के आसमान का टुकड़ा हूं, जिसका गुमान है तुम्हे चांद होने का।

अदिति चाहत

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